
सोच नाथू राम गोड्स की
जीवित रहना महात्मा गांधी का,
ठीक नहीं था, देश और खुद उनके सेहद के लिए.
आज सरेआम वलात्कार की जा रही है,
उनके सपनों के भारत की,
भर्ष्टाचार के बुलडोजर से .
मिटा दी गई है,
राम राज्य की निशानी,
अतिक्रमण का नाम देकर.
नहीं देख सकते थे हकीकत,
अपने सपनों के भारत की.
सांसे रुक जाती, जब होता,
मासूमों के साथ वलात्कार.
रूह कांप उठाता देखकर,
गरीबों का नरसंहार.
पूजा करते मंदिरों में......
अनसन करते, संसद के सामने.
हो सकता है, बेचैन आत्मा,
संसद भवन के पास भटकती,
मुक्ति के इन्तजार में.
कितना आगे था, सोच
नाथू राम गोड्स की,
जो भारत का वलात्कार होने से पहले,
कर दी, पवित्र आत्मा को मुक्त,
सदा के लिए...........
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जब कभी आप ये फैसला न ही कर पायें कि आज कवि की थाली के लिए खाने में कौन सी सब्ज़ी बनानी है तो फिर मिक्स वेज सब्जी..............तो है ही. तो आपको सब्जी का स्वाद कैसा लगा हमें भी बताइए.